14 नर्तकों का सुन्दर चित्रण किस शैलचित्र में किया गया है? - कसार देवी (अल्मोड़ा) के
• उत्तराखण्ड के आद्य-इतिहास के प्रमुख स्रोत हैं - पौराणिक ग्रंथ
• उत्तराखण्ड का प्रथम उल्लेख किस धार्मिक ग्रंथ में मिलता है? - ऋग्वेद में
• ऋग्वेद में उत्तराखण्ड क्षेत्र के लिए कहा गया है
- देवभूमि एवं मनीषियों की पूर्ण भूमि
• किस ग्रंथ में उतराखण्ड क्षेत्र के लिए उत्तर-कुरु शब्द प्रयुक्ता किया गया हैं?
-ऐतरेव ब्राह्मण में
• स्कन्दपुराण में उत्तराखण्ड क्षेत्र की सर्वाधिक चर्चा है। इसमें इस क्षेत्र को क्या नाम दिया गया है? - मानसखण्ड और केदारखण्ड
• हरिद्वार (मायाक्षेत्र) से हिमालय तक के विस्तृत क्षेत्र को स्कन्दपुराण में कहा गया है -केदारखण्ड (गढ़वाल क्षेत्र)
• स्कन्दपुराण में नन्दादेवी पर्वत से कालागिरि तक के क्षेत्र को कहा गया है
- मानसखण्ड (कुमाऊँ क्षेत्र)
• मानसखण्ड और केदारखण्ड के संयुक्त क्षेत्र को पुराणों में कहा गया है
-उत्तर-खण्ड, बहापुर एवं खसदेश
• पालिभाषा के बौद्ध साहित्यों में उत्तराखण्ड क्षेत्र के लिए प्रयुक्त शब्द
-हिमवंत
• गढ़वाल क्षेत्र को पहले कहा जाता था
- बद्रिकाश्रम क्षेत्र, तपोभूमि और केदारखंड
• यह मनुष्य के प्रथम पूर्वज मनु का निवास स्थान और धन के स्वामी कुबेर की राजधानी थी
-अल्कापुरी
• बाणासूर की राजधानी थी- ज्योतिषपुर में
• गणेश, नारद, मुचकुंद व्यास एवं स्कंद गुफाएं स्थित हैं
-बद्रीनाथ के पास
• भगवान राम ने अपने अंतिम समय में किस स्थान पर तपस्या की थी
-देवप्रयाग में
• अपने अंतिम समय में लक्ष्मण जी ने कहा तपस्या की थी
-तपोवन (टिहरी गढ़) में
• केदारनाथ को प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है
-भृंगतुंग
• महाभारत के किस पर्व में लोमश ऋषि के साथ पाण्डवों की बद्रीनाथ यात्रा का वर्णन है
-वन पर्व में
• महाभारत के वन पर्व के अनुसार पुलिन्द राजा सुबाहु की राजधानी थी
- श्रीनगर
• प्राचीनकाल में गढ़वाल क्षेत्र में कौन से दो विद्यापीठ में
- बदिकाश्रम और कण्वाश्रम
• दुष्यन्त और शकुन्तला का प्रेम प्रसंग जुड़ा है- कण्वाश्रम (पौड़ी) से
• जिसके नाम पर अपने देश का नाम भारत पड़ा, उसी सम्राट भरत का जन्म कहाँ हुआ था?
- कण्वाश्रम में
• कालिदास ने अपने महाकाव्य अभिज्ञान शाकुन्तलम की रचना की थी
-कण्वाश्रम में
• कण्वाश्रम किस नदी के तट पर स्थित या
- मालिनी
भी कहा गया है) की प्रधानता मी। इनके • प्राचीनकाल में गढ़वाल क्षेत्र में खस जातियों (इन्हें आर्य समय में अधिक हुआ
- बौद्ध धर्म का प्रचार
• गढ़वाल क्षेत्र का वह कौन सा नगर है, जिसको गढ़वाल प्रवेशद्वार कहा जाता है
-कोटद्वार
• कुमाऊँ का पौराणिक नाम है
- मानसखण्ड
• पौराणिक काल के बाद के ग्रंथों में कुमाऊँ क्षेत्र के लिए प्रयुक्त नाम है
- कूर्मांचल
• कुमाऊँ क्षेत्र का सर्वाधिक उल्लेख किस पुराण में है?
- स्कन्दपुराण में
• किस पुराण में कुमाऊँ क्षेत्र में किरात, किर, पक्ष, गंधर्व, विद्याधर, नाग आदि जातियों के निवास करने का उल्लेख हैं?
-ब्राह्मण एवं वायुपुराण में
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